गाँधी जी ने अपना अपराध स्वीकार किया और उन्होंने सारी बात एक कागज में लिखकर पिताजी को बता दी. एक दिन, एक ऊंट और उसका बच्चा बातें कर रहे थ�
गाँधी जी ने अपना अपराध स्वीकार किया और उन्होंने सारी बात एक कागज में लिखकर पिताजी को बता दी. एक दिन, एक ऊंट और उसका बच्चा बातें कर रहे थ�